क्षैतिज अक्ष के बारे में जो वर्तनी विषयक प्रक्षेपण अवलोकन से शुरू होता है.
3.
तिरछे प्रक्षेपण और वर्तनी विषयक प्रक्षेपण, दोनों में, स्रोत वस्तु की समानांतर रेखा, प्रक्षेपित छवि में समानांतर रेखा का निर्माण करती है.
4.
तिरछे प्रक्षेपण और वर्तनी विषयक प्रक्षेपण, दोनों में, स्रोत वस्तु की समानांतर रेखा, प्रक्षेपित छवि में समानांतर रेखा का निर्माण करती है.
5.
एक सहायक अवलोकन, एक वर्तनी विषयक अवलोकन है जिसे प्रमुख छह में से एक को छोड़कर किसी भी अन्य प्लेन में प्रक्षेपित किया जाता है.
6.
एक सहायक अवलोकन, एक वर्तनी विषयक अवलोकन है जिसे प्रमुख छह में से एक को छोड़कर किसी भी अन्य प्लेन में प्रक्षेपित किया जाता है.
7.
सममितीय प्रक्षेपण, ऊर्ध्वाधर अक्ष के बारे में वस्तु के ± 45° डिग्री पर घूमने से मेल खाता है, जिसके बाद लगभग ± 35.264° arcsin(tan(30°)) क्षैतिज अक्ष के बारे में जो वर्तनी विषयक प्रक्षेपण अवलोकन से शुरू होता है.
8.
ऐसी बात नहीं है कि कार्यालयों में लिखनेवाले कम हैं किन्तु अधिकांश इसलिए हिन्दी में नहीं लिखते हैं कि उन्हें वर्तनी विषयक समस्याएँ और भ्रांतियाँ रहती हैं और अर्थ का अनर्थ की आशंका से हिन्दी में नहीं लिख पाते हैं।
9.
वर्तनी विषयक प्रक्षेपण, वस्तु को सामने से, दाएं से, बाएं से, ऊपर से, नीचे से, या पीछे से दिखाता है, और आम तौर पर प्रक्षेपण के प्रथम-कोण या तृतीय-कोण के नियमों के अनुसार ये एक-दूसरे के सापेक्ष अवस्थित होते हैं.
10.
वर्तनी विषयक प्रक्षेपण, वस्तु को सामने से, दाएं से, बाएं से, ऊपर से, नीचे से, या पीछे से दिखाता है, और आम तौर पर प्रक्षेपण के प्रथम-कोण या तृतीय-कोण के नियमों के अनुसार ये एक-दूसरे के सापेक्ष अवस्थित होते हैं.